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श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय १५

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथाको पंध्रौं अध्यायमा कुमारजी आज्ञा गर्नुहुन्छ- हे  अगत्स्य मुनि ! तहां उप्रान्त पार्वतीले श्रीस्वस्थानी परमेश्वरीको प्रसाद आठ रोटी, आठ अक्षता,आठ बेलीपुष्प, आठ यज्ञोपवीत,आठ पान,आठ कुड्का सुपारी, सगुन समेत ल्याई- ‘हे स्वामी, अब मेरो तपस्या पूर्ण भयो ।केटकेटी देखी हजुरलाई धाईरहेकी थिएं ,आज पाएं ‘ भनी महादेवका हातमा चढाई साष्टांग प्रणाम गरि।फेरी केहि बिन्ति गर्छु भनि के बिन्ती गरिन ? थप प्रसंगको लागि लागि पं. रामबाबु लुईटेल द्धारा प्रस्तुत श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा सुनेर लाभ प्राप्त गरौं ।

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथाका अध्यायहरु

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय १४ – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय १३ – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय १२ – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय ११– Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय १० – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय ९ – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय ८ – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय ७ – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय ६ – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय ५ – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय ४ – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय ३ – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय २ – Hollywoodkhabar

श्रीस्वस्थानी ब्रत कथा अध्याय १ – Hollywoodkhabar

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